Saturday, May 11, 2019

एक गांधी जन्मे...



दो अक्टूबर अपने देश की शान रहा है।
एक गांधी जन्मे दूजा लाल किसान रहा है।।
                 एक गांधी जन्मे....
जब-जब दौरे तूफ़ां भारत पे आया है,
आज़ादी के चन्दा को बादल ने छुपाया है।
तब बादलों में रौशन हिंदुस्तान रहा है।।
              एक गांधी जन्मे....
एक ऐसी घड़ी भी आयी, जब गोरे रंग जमाये,
अपनी रँग-भेदी चालों से मां को बेड़ी पहनाये।
बेड़ी को तोड़ कर गांधी जाहिर जहान रहा है।।
            एक गांधी जन्मे....
नफ़रत की ज्वाला के जब शोले भड़के थे,
इन्सां के लहू के ओले दुनिया पे बरसे थे।
शोलों से बचाया जो वो फ़क़ीर महान रहा है।।
          एक गांधी जन्मे....
जय किसान का लहजा जो हमें सिखाया है,
भारत-माता को हर-पल वो लाल भाया है।
लाल का दूसरा नारा जय जवान रहा है।।
       एक गांधी जन्मे....
भारत-माता की लाज को बच्चों ने बचाया है,
मां की खातिर अश्क़ों को हर-दम बहाया है।
बच्चों में हमारे देश का इन्सान रहा है।।
         एक गांधी जन्मे....।।

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