शक्ति,शांति,ईमान,धरम तो अपना प्यारा नारा है।
राष्ट्र-हितों के लिए तो हमने तन-मन-धन सब वारा है।।
भारत-भूमि की गरिमा इसकी,
अति प्राचीन सभ्यता है।
सागर-निनाद मन-भावन है,
यहां सम्यक प्रकृति-रम्यता है।
जो सबको सौन्दर्य बोध दे,ऐसा देश हमारा है।।राष्ट्र-हितों...
सदविचार-सद्कर्म सदा से,
अपने प्यारे गीत रहे।
उत्तर-दक्षिण,पूरब-पश्चिम,
सब तो अपने मीत रहे।
दुश्मन से जो करे मित्रता,वो संस्कार हमारा है।।राष्ट्र-हितों..
अपना तो इतिहास विश्व में,
बलिदानों की गाथा है।
चट्टानों सी शक्ति विदेशी,
सबने टेका माथा है।
शान्ति-दूत जो अखिल विश्व का,वो इतिहास हमारा है।।राष्ट्र-हितों....
आवो, मिलकर करें प्रतिज्ञा,
आन देश की बनी रहे।
मानव-मूल्य का ह्रास न होवे,
शान देश की बनी रहे।
हर व्यक्ति समष्टि का सूचक है,कहता क़ानून हमारा है।।
राष्ट्र-हितों के लिए....।।
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