Monday, May 6, 2019

हाय!हमने...



है सभी को हमें यह बताना,
मिल गया आज मेरा दीवाना।
प्यार अपना है सदियों पुराना-
हाय!हमने सचाई न जाना ।।
     हर जनम हम मिले, प्यार करते रहे,
     प्राण-सर में कमल-पुष्प खिलते रहे।
     गुजरीं सदियाँ न जाने हैं कितनी मग़र-
     आज भी प्यार का लगता नूतन फ़साना।।
                                  हाय!हमने.......।।
नदी-पेड़-पर्वत-गगन औ सितारे,
ज़मीं-चाँद-सूरज सभी यूँ पुकारें।
कहें प्यार मेरा सदा ही रहा है-
अद्भुत-अनूठा मिसाले  ज़माना।।
                   हाय!हमने.......।।
है प्यार अमृत इसे जो पिया,
हो गया वो अमर देवता की तरह।
देवता को भले दुनिया पूजे यहाँ-
प्यार ही होता देवों का अनुपम ठिकाना।।
                  हाय!हमने.........।।
प्यार गीतों में,ग़ज़लों में,मन्त्रों में है,
धार सरिता की,कविता के छंदों में है।
चन्द्र-सागर-मिलन पूर्णिमा-रात्रि को-
होता अनुपम-सुखद औ सुहाना।।
                  हाय!हमने........।।
भाव से ही भरा भक्त-भगवान का,
जो है दुनिया मे बस वही प्यार है।
हृदय दे दिया,लुट गया,मर मिटा-
प्यार का अर्थ बस,स्वत्व को है मिटाना।।
                हाय!हमने.........।।
राजे उल्फ़त यही जान लो अब सभी,
छल-कपट-बेवफाई नहीं प्यार में।
प्यार चाहे समर्पण अहम-स्वत्व का-
बस,इसी सत्य को ही हमें था जताना।।
हाय!हमने  सचाई न जाना ।।

No comments:

Post a Comment