नव वर्ष हो मंगलमय सबका
सब लोग प्रसन्न व स्वस्थ रहें।
परहित ही लक्ष्य रहे सबका,
मक़सद न रहे खुदगर्जी का।
हो राष्ट्र की सेवा सरवोपरि-
बस यही रवायत बनी रहे।।
नव वर्ष हो....
नदियों का जल न प्रदूषित हो,
अरु वायु हमेशा स्वच्छ बहे।
हरियाली-वन-रक्षण सबका,
एकमात्र बस लक्ष्य रहे।
आबो-हवा-जलवायु-फ़िज़ा की-
नहीं किफ़ायत बनी रहे।।
नव वर्ष हो....
फसलें भी हमेंशा उगा करें,
पशु-पक्षी भी अलमस्त रहें।
इस मुल्क़ में अम्नो-चैन रहे,
नहि फिक्र,न मन में मैल रहे।
सब जतन-लगन से कर्म करें-
जन-जन की हिमायत बनी रहे।।
नव वर्ष हो....
ऋषियों-मुनियों का देश यही,
दुनिया को सिखाया चलोचलन।
नहिं धर्म-द्वेष,नहिं वर्ग-द्वेष,
नहिं रंग-भेद की बात यहां।
नहिं कभी किसी से बैर रहे-
बस रब की इनायत बनी रहे।।
नव वर्ष हो मंगलमय....
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