Sunday, January 29, 2012

मेरा नन्हा सा दिल ....

मेरा नन्हा सा दिल तुमको चाहे सौ-सौ बार ।
तूँ मिले, मिले ना मुझको कुर्बां तुझ पे सभी बहार  ।।
मेरा नन्हा सा दिल .... ।।

जब से नयना चार हुए हैं, दिल मेरा हो गया घायल,
घायिल मनवां बन-बन ढूंढे तुझको बारम्बार -
मेरा नन्हा सा दिल .... ।।

तेरी साँवरी सूरत बस गयी मन में प्यारी मूरत,
मन-वैरागी रीझा, जबसे देखा पहली बार-
मेरा नन्हा सा दिल .... ।।

चाँद सा मुखड़ा प्यारा- प्यारा, नील झील सी आँखें,
रस लोभी मन भंवरा मेरा तेरी करे पुकार -
मेरा नन्हा सा दिल .... ।।

तूँ जबसे मन भाई सजनी! स्वर्ग हो गया जीवन,
बिना प्यार के जीवन सूना, सूना सब संसार -
मेरा नन्हा सा दिल .... ।।

निगाहे उल्फ़त

जब से निगाहे उल्फ़त डाली है आपने,
लगे, चाँद बस गया हो ज़मीं के मकान में ।।
अम्बर की किस परी से कहाँ कम जनाब हैं,
गर है कोई जहाँ में तो बस आप-आप हैं ।
महका दिया फ़जां को चेहरा गुलाब ने ।।
जब से निगाहे .... ।।

हर एक अदा तो आपकी शायर का ख्व़ाब है,
मिल जाये सबक प्यार का तूँ वो किताब है ।
लब को सिखाया गाना खिलते शबाब ने ।।
जब से निगाहे .... ।।

सूना था मन का मंदिर सदियों से बिन तिहारे,
बिन देवता के सजदा किसको करे पुजारी ।
रोशन किया ये महफ़िल दमकते चराग़ ने ।।
जब से निगाहे .... ।।

उजड़े मेरे चमन की बहाराँ हुज़ूर हैं,
धरती पे आसमाँ की, जन्नत की हूर हैं ।
खुशबू है दी खिज़ां को मल्काये बहार ने ।।
जब से निगाहे .... ।।