ख़ुदा से यही हम दुआ माँगते,
कि खुशियों से दामन भरे आप का।
ऐसे ही हम सब मनाते रहें,
मोबारक भरा दिन जो है आज का।
भैया-भाभी की बगिया यूँ महका करे-
जैसे गुलशन में खिलता ग़ुल गुलाब का।।
ज़िन्दगी में मुसीबत न आये कभी,
राह में न काँटे बिछाये कोई।
हर समय,हर घड़ी पथ पे रोशन रहे,
ये चिराग़े मोहब्ब्त,न अँधेरा कोई।
आप की ज़िंदगी में न ठाला रहे-
शानो-शौक़त व इज़्ज़त के आब का।।
भैया-भाभी की बगिया यूँ महका करे-
जैसे गुलशन में खिलता ग़ुल ग़ुलाब का।।
जहाँ चाह है बस वहीं राह है,
ऐसी चाहत हमेशा ही क़ायम रहे।
यदि सरे राह कोई भी अड़चन मिले,
दूर करने का उसको भी साहस रहे।
बुद्धि-साहस सदा यदि रहें साथ में-
नहीं रहता असर आपदा-ताप का।
लक्ष्य की प्राप्ति की आस लेकर चलें,
रख के विश्वास मन में भी आगे बढ़ें।
आस्था को कभी भ्रम डिगा ना सके,
लक्ष्य की राह पे केवल बढ़ते रहें।
यदि मनोबल न टूटे कभी भी ज़रा-
लगता झट-पट पता राह की नाप का।।
भैया-भाभी की बगिया यूँ महका करे-
जैसे गुलशन में खिलता ग़ुल ग़ुलाब का।।
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