हम सब बच्चे अखिल विश्व में,
ज्ञान का दीप जलायेगें।
कर के नाश अविद्या का हम,
शिक्षा-सदन बसायेंगे।।
हम सब बच्चे....
ऊँचनीच औ श्वेतश्याम में,
अब न कोई अन्तर होगा।
हमसब बहनें हैं,भाई हैं,
मात्र यही चिंतन होगा।
मानवता का एक धर्म कर-
जग का मान बढ़ायेंगे।।
हमसब बच्चे....
हमने ऐटम देखे हैं,बम देखे हैं,
ऐटम, बम से प्यार नहीं करते।
है यह दूजा नाम विनाश-प्रलय का,
जल-थल-नभ दूषित करते।
शस्त्र-शास्त्र का कर उन्मूलन-
शांति का पाठ पढ़ायेंगे।।
हमसब बच्चे....
पथ पर काँटे लाख बिछे हों,
मग़र हमें बढ़ते रहना है।
सिर न झुके,उन्नत ललाट कर,
सीना ताने चलते रहना है।
शत्रु-भाल को रौंद-रौंद कर-
मां की लाज बचायेंगे।।
हमसब बच्चे....
कर्मठ लाल बहादुर जैसा,
वीर बहादुर छत्रसाल हों।
स्वाभिमान में हों प्रताप हम,
देशभक्त शेखर जैसा।
वतनपरस्ती भगत की लेकर-
गांधीवाद चलायेंगे।।
हमसब बच्चे....
जेठ की तपती दोपहरी हो,
या हों पूष की ठंडी रातें।
चहुंदिश गरजे घन-घमण्ड भी,
वर्षों बरषे बरसातें।।
जीवन-पथ पे भ्रमित पथिक को-
हमसब राह दिखायेंगे।।
हमसब बच्चे....।।
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