चित ठिकाने नहीं, दिल ये माने नहीं,
सिर्फ़ तेरा नज़ारा नज़र आ रहा।
क्या करूँ ध्यान किसका बता मैं धरूँ?
सिर्फ़ तेरा सहारा नज़र आ रहा।।
तेरे चञ्चल नयन,शोख़ चितवन का फ़न,
वो अदाएं,सदायें कहाँ सब गयीं ?
देखते -देखते ,देखो,ये क्या हुआ?
डूबता एक सितारा नज़र आ रहा।।सिर्फ़ तेरा....
उजड़े मंज़र सभी,ताने खंज़र सभी,
वो हवायें, फ़ज़ाएँ सभी हैं खड़ी ।
लड़खड़ाते क़दम डीग न पायें कहीं,
टूटता ग़म का मारा नज़र आ रहा
सिर्फ़ तेरा....
ज़िन्दगी के सफ़र की डगर अब कठिन,
वो खताएं,सज़ाएं मुबारक हुयीं।
अश्क़ पीता हुआ, दिल का टूटा हुआ,
वक़्त का एक मारा नज़र आ रहा।।सिर्फ़ तेरा....
आशिक़ी का सबब जानेमन,क्या कहें!
वो वफ़ाएँ ,ज़फाएँ बनीं सब यहाँ।
दुनियावाले न मानें कोई ग़म नहीं,
खार ही गुल में सारा नज़र आ रहा।।
सिर्फ तेरा सहारा नज़र आ रहा।।
सिर्फ़ तेरा नज़ारा नज़र आ रहा।
क्या करूँ ध्यान किसका बता मैं धरूँ?
सिर्फ़ तेरा सहारा नज़र आ रहा।।
तेरे चञ्चल नयन,शोख़ चितवन का फ़न,
वो अदाएं,सदायें कहाँ सब गयीं ?
देखते -देखते ,देखो,ये क्या हुआ?
डूबता एक सितारा नज़र आ रहा।।सिर्फ़ तेरा....
उजड़े मंज़र सभी,ताने खंज़र सभी,
वो हवायें, फ़ज़ाएँ सभी हैं खड़ी ।
लड़खड़ाते क़दम डीग न पायें कहीं,
टूटता ग़म का मारा नज़र आ रहा
सिर्फ़ तेरा....
ज़िन्दगी के सफ़र की डगर अब कठिन,
वो खताएं,सज़ाएं मुबारक हुयीं।
अश्क़ पीता हुआ, दिल का टूटा हुआ,
वक़्त का एक मारा नज़र आ रहा।।सिर्फ़ तेरा....
आशिक़ी का सबब जानेमन,क्या कहें!
वो वफ़ाएँ ,ज़फाएँ बनीं सब यहाँ।
दुनियावाले न मानें कोई ग़म नहीं,
खार ही गुल में सारा नज़र आ रहा।।
सिर्फ तेरा सहारा नज़र आ रहा।।
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