Saturday, August 24, 2019

सबका झण्डा एक...



नवभारत-संकल्प तो केवल इतना है,
सबका झण्डा एक तिरंगा अपना है।
हुआ अभिन्न अंग कश्मीर पुनः भारत का-
अगस्त पाँच उन्नीस को,पूर्ण हुआ वो सपना है।।
                             सबका झण्डा एक......।।
सबका है कश्मीर और कश्मीर के सब हैं,
हिन्दू-मुस्लिम-सिक्ख-इसाई, कश्मीरी अब हैं।
कर न सकेगी उन्हें अलग,अब कानूनी धारा-
नव निर्मित इतिहास का बस यह कहना है।।
                         सबका झण्डा एक......।।
पलट गया इतिहास सियासतदानों का,
बिगड़ गया जो खेल था सत्तर सालों के।
मिला पटल आज़ादी का उस माटी को-
स्वर्ग सरीखी अनुपम जिसकी रचना है।।
                       सबका झण्डा एक......।।
हुआ अन्त अब हिंसावाद हिमायत का,
अलगाववाद की बेढब नीति रवायत का।
धरे रह गये ताख पे सब मन्सूबे उनके-
जिनका लक्ष्य तो केवल ठगना है।।
                    सबका झण्डा एक......।।
हुईं दुकानें बन्द सभी धर्मान्धों की,
कट्टरपन्थी ताकत कुत्सित धन्धों की।
नयी दिशा अब मिलेगी सब नवयुवकों को-
करेंगे निज उत्थान स्वयं जो करना है।।
                 सबका झण्डा एक......।।
देश सुरक्षित रहेगा,साथ कश्मीर भी,
बिगड़ेगी अब नापाक पाक तक़दीर भी।
होगा शीघ्र विनाश विरोधी ताक़त का-
चाल बेढंगी दुष्टों की नहिं सहना है।।
                सबका झण्डा एक......।।
होगा पूर्ण विकास स्वर्ग सी घाटी का,
होगा अब आग़ाज़ नयी परिपाटी का।
पुनः खिलेगा फूल सुगन्धित मानवता का-
भारत का जो रहा सदा से गहना है।।
      सबका झण्डा एक तिरंगा अपना है।।

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