लालकिला से लालचौक तक,फहरा आज तिरंगा,
रावी-सतलज-सिन्धु-झील डल, का जल हो गया चंगा।
महानदी-कृष्णा-कावेरी, केन-बेतवा-चम्बल-
जश्न मनायें व्यास-नर्बदा,सरयू-यमुना-गंगा।।
फहरा आज तिरंगा........।।
जम्मू औ लद्दाख-काश्मीर, सब मिल नाचें-गायें,
भारत माता के चरणों में,सब जन शीष झुकायें।
लिये राष्ट्र-ध्वज निज हाथों में,चहुँ-दिशि भारतवासी-
महापर्व पर झूमें जैसे,दीपक सङ्ग पतंगा।।
फहरा आज तिरंगा........।।
स्वर्ग समान कश्मीर की घाटी,प्राप्त कर लिया गौरव,
पुनः मिला सम्मान उसे वो,जो था अभी असम्भव।
जकड़े थी पाँवों को उसके,अबतक जो कानूनी धारा-
टूट गयी बेड़ी वो झट-पट,बिना सियासी पंगा।।
फहरा आज तिरंगा........।।
बहुत दिनों की आस अटल की,हो अखण्ड भारत अपना,
फहर गया घाटी में तिरंगा,पूर्ण हो गया सपना।
होंगे परम प्रसन्न जन-नायक,छोड़ हमें जो चले गये।
देव-लोक में होंगीं खुशियाँ, खेल-कूद-हुड़दंगा।।
फहरा आज तिरंगा........।।
मोदी-शाह की जोड़ी ने मिल,राष्ट्र अखण्ड बनाया,
काश्मीर-लद्दाख का काला,धब्बा शीघ्र मिटाया।
एक निशान,प्रधान एक का,पूर्ण हुआ प्रण देखो-
नव भारत-निर्माण में अब तो नहीं है कोई अड़ंगा।।
फहरा आज तिरंगा........।।
नहीं दूर अब वह दिन मित्रों,जब फहरेगा झण्डा,
गिलगित-बाल्टिस्तान के ऊपर,पाक का फोड़ के भण्डा।
प्राप्त करेगा अपना गौरव,पुनः ये राष्ट्र हमारा-
करके सब नापाक पाक की,गन्दी चाल को नंगा।।
लालकिला से लाल चौक तक,फहरा आज तिरंगा।।
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