Saturday, August 24, 2019

विपदा काल काम जे आवै...



विपदा काल काम जे आवै।साँचा मीत उहइ कहलावै।।
साँच मीत बस उहवै भाई।गूढ़ रहस जे रहइ छिपाई।।
करै प्रचार मीत जस-कीर्ती।दिग-दिगन्त जहँ तक रह धरती।।
तजै न साथ-संग केहु भाँती।जरै-बुते जस दीपक-बाती।।
नहिं कोउ राग-द्वेष दोउ मीता।तजहिं न सँग बरु जग विपरीता।।
लगै चोट इक रोवै दूजा।रँग बदलै जस लखि खरबूजा।।
जीवहि सँग माया लिपटानी।जानउ इहवै मीत-कहानी।।
जाको मिलै मीत जग साँचा।तासु भागि उत्तम बिधि राँचा।।
करै मीत मीत सेवकाई।सेवा-भावहि होय भलाई।।
दोहा-कृष्न-सुदामा मित्रता,जानै जग-संसार।
चिउड़ा लइ मुट्ठी भरै,सम्पति दीन्ह अपार।।
                                               गीता-सार,नीति-वचन

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