गांधी तुझे सलाम तेरे नौनिहालों का,
कमाल का तू जबाब सारे सवालों का।।
दुनिया को जो ठगे थे,
अपनी गन्दी चालों से।
ऐसे गुमानी गोरे जो,
अपनी कुचालों से।
विधिवत दिया सबक उन्हें अपने ख़यालों का।।
गांधी तुझे....
क्रांति का जबाब तूने,
शांति से दिया।
पनाह शोषितों को बिना,
भ्रांति के दिया।
तोड़ा ग़ुरूर तूने सारे भुवालों का ।।
गांधी तुझे....
लगता बहुत अजीब कि,
तू है कोई मानव।
कृषकाय तू भले रहे,
देखा नहीं पराभव ।।
बन गए इतिहास कञ्चन अपनी मिसालों का।।
गांधी तुझे....
इंद्र के घमण्ड का,
तू कृष्ण रूप हो।
पाप के विनाश का,
तू विष्णु रूप हो।
तू ही अमोघ औषधि जग के बवालों का ।।
गांधी तुझे....
बढ़ता है पाप जब-जब,
धरती पे चारो- ओर।
कराहती है सभ्यता,
ममता चुराये चोर।
होता जनम यहाँ पे तुम्हारे जैसे वालों का।।
गांधी तुझे....
शत-शत नमन तुम्हें,
विराट-दिव्य रूप!
अस्थि-मांस-पिंजर,
हे देव के स्वरूप!
श्रद्धा-सुमन स्वीकारो तू आज अपने लालों का।।
गांधी तुझे सलाम....।।
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