मंज़िलें पावों तले हैं, गर रहे अरमाँ जवाँ।
आदमी तो हौसलों का,
साज़ है, आवाज़ है।
हौसला उसमें रहे तो,
मुश्किलें होंगी फ़ना॥ प्रगति-पथ.........॥
काँटों में कैसे मुस्कुराए,
गुल गुलाबों का सदा।
कितना हसीं है गुल कँवल का,
गोया हो कीचड़ सना॥ प्रगति-पथ........॥
तो लो, सबक ले लो इन्ही से-
ज़िन्दगी के राज़ का।
जैसे ये गुल हैं खिले,
तुम भी खिल जाओ यहाँ॥ प्रगति-पथ....॥
ख़ुद को समझो तो
खुदायी आप अपने आएगी।
हर बलंदी चूम लेगी
तेरे क़दमों के निशाँ॥ प्रगति-पथ..........॥
जोखिमों से जूझना तो
फ़र्ज़ है इंसान का।
गर इन्हे ठुकराया तो
ठुकरा तुझे देगा जहाँ॥ प्रगति-पथ पर...॥
आदमी तो हौसलों का,
साज़ है, आवाज़ है।
हौसला उसमें रहे तो,
मुश्किलें होंगी फ़ना॥ प्रगति-पथ.........॥
काँटों में कैसे मुस्कुराए,
गुल गुलाबों का सदा।
कितना हसीं है गुल कँवल का,
गोया हो कीचड़ सना॥ प्रगति-पथ........॥
तो लो, सबक ले लो इन्ही से-
ज़िन्दगी के राज़ का।
जैसे ये गुल हैं खिले,
तुम भी खिल जाओ यहाँ॥ प्रगति-पथ....॥
ख़ुद को समझो तो
खुदायी आप अपने आएगी।
हर बलंदी चूम लेगी
तेरे क़दमों के निशाँ॥ प्रगति-पथ..........॥
जोखिमों से जूझना तो
फ़र्ज़ है इंसान का।
गर इन्हे ठुकराया तो
ठुकरा तुझे देगा जहाँ॥ प्रगति-पथ पर...॥
बहुत सुंदर कविता !
ReplyDeleteकिसी भी हारे हुए या हतोत्साहित मनुष्य का मनोबल इसी प्रकार बढाया जा सकता है , एवं
किसी प्रगतिशील व्यक्ति के मन में दुगना उत्साह इसी प्रकार भरा जा सकता है, जिसके द्वारा
कोई भी व्यक्ति प्रगति के पथ पर अविचल,अथक ,निरंतर एवं संपूर्ण उत्साह के साथ चल पाएगा,
एवं उसके पथ में आने वाले प्रत्येक दुःख और बाधा एक दिन नीवं का पत्थर बनकर उस व्यक्ति के साहस
के साक्षी बनेगे .एवं अंततः अपनी मंजिल तक पहुच कर अपने पदचिन्ह अपने अनुयायिओं के लिए छोड़ कर धन्य हो जाएगा |
बहुत-बहुत धन्यवाद भीष्म जी!
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