Sunday, June 30, 2019

दुनिया के सामने...


सीने में अपने दर्द को दबाये हम जी रहे।
दुनिया के सामने मुस्कुराये हम जी रहे।।
      कहते हैं लोग पत्थर भी पिघलता है एक दिन।
      पत्थर तो है पत्थर,इसे भुलाये हम जी रहे।।
                             दुनिया के सामने........।।
नफ़रत के दाग़ प्यार से मिट जाते हैं माना।
यही उसूल आज तक निभाये हम जी रहे।।
                             दुनिया के सामने........।।
होगी कभी तो उनको भी,रिश्तों की ये समझ।
इसी हसीं ख़याल को जिलाये हम जी रहे।।
                          दुनिया के सामने...........।।
मेरे गरीब-खाने पे जब से हुआ है आना।
हर इक खता को उनकी छुपाये हम जी रहे।।
                         दुनिया के सामने.............।।
कोई तो दे बता उन्हें,रिश्तों की अहमियत।
नादानियों के उनकी सताये हम जी  रहे।।
                       दुनिया के सामने..............।।
इल्मो-हुनर-अदब का होता है ख़ास मक़सद।
दिल में उमीद ऐसी ही लाये हम जी  रहे।।
     दुनिया के सामने मुस्कुराये हम जी रहे।।

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