Saturday, August 25, 2012

आँखों - आँखों में....


आज पूरी मेरे मन की मुराद हो गयी,
आँखों-आँखों में जाने क्या बात हो गयी?

बादे मुद्दत हुज़ूर आप ऐसे मिले,
जैसे अम्बर से धरती मिली हो गले ।
जो अधूरी थी, पूरी वो आस हो गयी ।।

आँखों - आँखों में.... ।।

आप महफ़िल में आये, बड़ी शुक्रिया,
अपना जलवा दिखाये, बड़ी शुक्रिया ।
वाह ! किस्मत मेरी, मुलाकात हो गयी ।।

आँखों - आँखों में..... ।।

बज़्मे दिल में तो साया शबेगम का था,
मेरा अपना कोई जग में हम-दम न था ।
अब तो बिछुड़ी किरन मेरे साथ हो गयी ।।

आँखों - आँखों में..... ।।

ना उम्मीदों में डूबा रहा मेरा मन,
उलझनों में झुलसता रहा तन-बदन ।
अब तो मातम की महफिल बारात हो गयी ।।

आँखों - आँखों में..... ।।




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