जानेमन, ना शरम कीजिये,
दर पे आये हैं, हम पे करम कीजिये ॥
आपका हूँ मैं आशिक़ पुराना,
जाने दुनियाँ ये सारा ज़माना ।
अपने आशिक़ पे थोड़ा रहम कीजिये ॥
दर पे आये .... ॥
ये ज़मीं, आसमाँ औ सितारे,
आप ही पे सभी हम हैं वारे ।
मेरे ग़मख़्वार, अब ना सितम कीजिये ॥
दर पे आये .... ॥
आप ही से है सारी खुदायी,
रोशनी, रागिनी, ये सहर जो है आयी ।
अब तो जाने चमन, ना भरम कीजिये ॥
दर पे आये .... ॥
ज़िन्दगी आप बिन है अधूरी,
जो मिले आप तो हो ये पूरी ।
अब तो मिलने का कोई जतन कीजिये ॥
दर पे आये .... ॥